देहरादून: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन प्रदेश के 117 मदरसों में “श्री राम कथा” पढ़ाने के फरमान का मुस्लिम समाज की ओर से कोई विरोध तो नहीं किया, लेकिन एक संगठन ने इसी तर्ज पर सरकारी व निजी स्कूलों में कुरआन की तालीम शुरू करने की मांग उठाकर नया ट्विस्ट पैदा कर दिया है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मीडिया में ये ऐलान करते हुए इस मामले में निर्देश जारी किए थे। जिस पर देहरादून में आम इंसान विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकिल अहमद ने प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से सरकारी व निजी स्कूलों में भी कुरआन की तालीम शुरू कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे और सस्ती लोकप्रियता हासिल कर अपने आप को चर्चा में लाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। भाजपा सरकार समान नागरिक संहिता के हवाले से देश में एक नागरिक, एक संविधान और एक कानून की बात कर रही है। इसलिए यदि मदरसों में श्री राम कथा पढ़ाई जाने जरूरी है तो फिर स्कूलों में कुरआन की तालीम क्यों नहीं दी जानी चाहिए। कहा कि उन्होंने उत्तराखंड में पहले भी यूसीसी, लैंड जिहाद, लव जिहाद जैसे मामले का विरोध किया है। इस मौके पर वाहिद इकबाल, महफूज़ रहमान, पीआर निराला, जगदीश शर्मा आदि लोग मौजूद रहे। गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन संचालित 117 मदरसों में भी श्रीराम की कथा पढ़ाने का ऐलान बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने किया था। वक्फ बोर्ड इसी सत्र से मदरसों के पाठ्यक्रम में यह बदलाव करने जा रहा है। पाठ्यक्रम संचालन को लेकर वक्फ बोर्ड की ओर से मदरसा प्रबंधकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
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