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मंगलौर: सर्द मौसम में उप चुनाव को लेकर मंगलौर की राजनीति गरमाना शुरू हो गई है। मंगलौर नगर पालिका के चैयरमैन रहे हाजी दिलशाद व चैयरमैन प्रतिनिधि रहे बसपा नेता डॉ शमशाद अली अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ मंगलौर के पूर्व विधायक काज़ी निज़ामुद्दीन के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए है। जिसके बाद मंगलौर की राजनीति में बड़ा उलट फेर हुआ है। मंगलौर विधानसभा के उपचुनाव में काजी निजामुद्दीन मजबूत स्थिति में नजर आ रहे है।
दरअसल मंगलौर के बसपा विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद मंगलौर विधानसभा सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद मंगलौर सीट पर उपचुनाव होने है। मंगलौर विधायक रहे हाजी सरवत करीम अंसारी के खास माने जाने वाले डॉ शमशाद ने विधायक के निधन से कुछ दिनों पहले ही विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी से किनारा कर चुके थे। अब उनके देहांत के बाद मंगलौर विधानसभा में उपचुनाव की तैयारिया शुरू हो गई। उपचुनाव करीब आते ही डॉ शमशाद अपने भाई पूर्व चेयरमैन दिलशाद अहमद और समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। विधायक के देहांत के बाद सरवत करीम अंसारी की पत्नि ने उपचुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। लेकिन चुनावी समीकरण के आंकड़ों में डॉ शमशाद का अपने अमर्थको के साथ काजी निजामुद्दीन को समर्थन देने के बाद कांग्रेस की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे काज़ी निजामुद्दीन चंद वोटो से बसपा प्रत्याशी हाजी सरवत करीम अंसारी से हार गए थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी दिनेश पंवार तीसरे नंबर पर रहे थे। इस मौके पर झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति, राजेन्द्र चौधरी, गौरव चौधरी, जितेंद्र चौधरी, परवेज, नवाज़, आदि मौजूद रहे।