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रुड़की:-जिनके नाम पर दर्ज नहीं थी जमीन, उनके नाम से जारी किए गए चेक,शिकायत पर एसडीएम ने कराई थी जांच, जांच में आरोप मिले सहीI बाढ़ राहत राशि के चेक में फर्जीवाड़ा किए जाने और जमीन न होने के बाद भी किसानों को लाखों रुपये की राहत राशि के चेक वितरित किए जाने के मामले में एसडीएम ने कार्रवाई की है। एसडीएम ने हल्का लेखपाल को निलंबित कर दिया है। साथ ही तहसीलदार को मामले की जांच सौंपी है।पिछले दिनों लक्सर तहसील क्षेत्र में बाढ़ आई थी। इसकी वजह से किसानों की फसलें नष्ट हो गई थीं। शासन के निर्देश पर एसडीएम ने तहसील क्षेत्र के हल्का लेखपालों को बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कर नियमानुसार राहत राशि के चेक बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद हल्का लेखपालों ने चेक बनाने का कार्य शुरू कर दिया था।
मुंबई में 1बीएचके की कीमत आपको पूरी तरह चौंका सकती है ढाढ़ेकी गांव के ग्रामीणों ने एसडीएम से शिकायत कर बताया था कि हल्का लेखपाल ने अपात्र लोगों को बाढ़ राहत राशि के चेक वितरित किए हैं। अधिकांश ऐसे लोगों को चेक वितरित किए गए हैं जिनके नाम पर जमीन तक भी दर्ज नहीं है। साथ ही जिन किसानों के खसरा नंबर सर्वे कार्य में दर्शाए गए हैं। वह खसरा नंबर कोई बंजर भूमि तो कोई मार्ग का था। इन पर कई-कई बीघा जमीन दर्ज की गई थी ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने जांच कराई तो शिकायत सही निकली थी। जांच में पता चला था कि हल्का लेखपाल ने लाखों रुपये के गलत ढंग से चेक वितरित किए हैं। एसडीएम ने बताया कि हल्का लेखपाल को कारण बताओ नोटिस दिया गया था लेकिन हल्का-लेखपाल ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। इसके चलते उसे दोषी मानते हुए निलंबित करने की कार्रवाई कर दी गई है। एसडीएम ने बताया कि तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है। तहसीलदार को मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।