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हरिद्वार:-पुराने समय में किए गए कार्य कब परंपरा का रूप ले लेती है इसका किसी को आभास भी नही होता। ऐसा ही कुछ देखा जा रहा है गोरखाली समुदाय में जन्हा प्राचीन काल में बहुएं अपने घर से समान चुरा कर जंगल में पार्टी करती थी जिसे खाजा भात कहा जाता था वही आज समुदाय में परंपरा का रूप ले
चुकी है। हरिद्वार में गोरखाली समुदाय की महिलाएं अब इसे वन भोज के नाम से मानती है जिसमे लोक गीतों पर महिलाएं बच्चे जमकर थिरकती है। हरिद्वार के गरीबदासी आश्रम में समुदाय की सैकड़ों महिलाए और बच्चे एकत्र हुए और वन भोज कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। समुदाय की अध्यक्ष पदमा पांडेय बताती है की पहले के जमाने में सास से बचते हुए बहुएं घर से चीजे चुरा कर लाती थी और जंगल में इक्ठा होकर जश्न मनाती थी। क्योंकि उस समय बहुएं को सास न तो भरपेट खाना देती थी और न ही उन्हें चावल देती थी। उन्होंने बताया की उसी परंपरा को आज वे नए अंदाज में मनाती है और जमकर नचाती है जश्न मनाती है जिसमे पुरुष उनका सहयोग करती है।
“राम लला के दर्शन को हरिद्वार से चलेगी विशेष बस”
राम लला के दर्शन को लेकर लोगों का उत्साह अपने चरम पर है शायद यही वजह है की राज्य सरकार भी लोगों को अयोध्या तक जाने के लिए व्यवस्थाओं में जुटी है। उत्तराखंड से भी धामी सरकार ने अयोध्या जाने के लिए चार जगह से बस सेवा शुरुंकी है।
हरिद्वार, ऋषिकेश, टनकपुर और रामनगर से शुरू होने वाली बस सेवा को लेकर यात्रियों में तो उत्साह है ही साथ ही विभाग भी इस नई शुरुवात को विभाग के राजस्व बढ़ोतरी के तौर पर देख रहा है। हरिद्वार से परिवहन विभाग ने सरकार को इस बाबत अपना प्रस्ताव भेज दिया है। जिसके तहत हरिद्वार से बस ऋषिकेश और फिर उसके बाद हरिद्वार आएगी और यह से वह अयोध्या के लिए रवाना होगी।