उत्तराखंड

सीजीएसटी के अधीक्षक को रिश्वत लेते सीबीआई की टीम ने रंगेहाथ दबोचा…

सीबीआई की कार्रवाई से जीएसटी विभाग में मचा हुआ हड़कंप...

देहरादून: सस्पेंड किए गए जीएसटी नंबर को बहाल करने की एवज में 10 हजार की रिश्वत ले रहे सीजीएसटी के अधीक्षक को सीबीआई की टीम ने रंगेहाथ धर लिया। पीड़ित व्यापारी से कुल 15 हजार की रिश्वत मांगी गई थी। ऐसा न करने पर जीएसटी नंबर हमेशा के लिए बंद करने की धमकी दी जा रही थी। शिकायत पर हरकत में आई सीबीआई की टीम ने रुद्रपुर पहुंचकर धीक्षक केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के अधीक्षक योगेश अग्रवाल को 10 हजार की रिश्वत लेते दबोच लिया। कार्रवाई से जीएसटी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। हरिद्वार से लेकर देहरादून व अन्य जिलों में जीएसटी के नाम पर ऐसी कई शिकायतें सामने आ रही हैं।
रुद्रपुर के श्री कस्तुरी वाटिका, बिगवाड़ा निवासी मुकेश कुमार ने सीबीआई को शिकायत देकर बताया कि उनकी पत्नी सुचि सिग्नेचर इंटरनेशनल कॉर्पोरशन नाम की फर्म चलाती हैं। यह फर्म जनता इंटर कॉलेज रोड रुद्रपुर पर स्थित है। सुचि की यह फर्म प्लास्टिक उत्पाद और प्लास्टिक वेस्ट का कारोबार करती है। इसकी निगरानी मुकेश कुमार करते हैं। इस फर्म का 24 जनवरी को जीएसटी नंबर कैंसिल हो गया। इसके बाद से वह कोई कारोबार नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने रुद्रपुर स्थित सीजीएसटी के डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में तैनात कार्यालय अधीक्षक योगेश अग्रवाल को प्रार्थनापत्र दिया। पहले तो मुकेश कुमार उन्हें टालने लगे। बाद में कहा कि उनका जीएसटी नंबर एक्टिवेट हो जाएगा। इसके लिए 15 हजार रुपये रिश्वत देनी होगी। रिश्वत के साथ उन्होंने अन्य दस्तावेज भी मांगे। बात करने पर रिश्वत की रकम 10 हजार रुपये कर दी गई। दस्तावेज और रिश्वत की रकम लेकर योगेश अग्रवाल ने उन्हें सोमवार को ऑफिस में बुलाया था। मुकेश कुमार रिश्वत नहीं देना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने सीबीआई के देहरादून कार्यालय को शिकायत कर दी। सीबीआई ने प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई और आरोपी की गिरफ्तारी को टीम रवाना कर दी। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक योगेश अग्रवाल को मुकेश कुमार से रिश्वत लेते टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। अधीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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