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पिरान कलियर। जायरीनों की सहूलियत के लिए स्थापित किया गया दरगाह दफ्तर स्वार्थित अधिकारियों/कर्मचारियों की जेब गर्म करने और ठेकेदारों की तिजोरियां भरने का जरिया बनकर रह गया है। धींगा-मस्ती का आलम यह ठेकेदार जायरिनों की जेब पर खुलेआम डाका डाल रहा है और सम्बंधित अधिकारी मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे है। फोरव्हीलर पार्किंग के नाम पर खूब धन उगाही का धंधा चल रहा है, 50 रुपये शुल्क की जगह 100 रुपये या उससे अधिक शुल्क वसूला जा रहा है, बाकायदा 100 रुपये शुल्क वाली रशीद भी वाहन स्वामियों को दी जा रही है, जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार के हौसले कितने बुलंद है, ठेकेदार को ना प्रशासन का डर है और ना ही दफ्तर के अधिकारियों का, ये पहला मामला नही है कि जब यात्रियों से अधिक शुल्क वसूला गया हो, इससे पूर्व भी अधिकारियों ने अधिक शुल्क वसूलने के मामले फोरव्हीलर पार्किंग से पकड़े है लेकिन ठेकेदार पर आजतक कोई कार्रवाई नही हो पाई, इससे साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार और दफ्तर अधिकारियों के बीच साठगांठ का खेल कितना पुख्ता चल रहा है।
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नौचंदी जुमेरात पर भीड़ का फायदा उठाता है ठेकेदार….
महीने की पहली जुमेरात को नौचंदी जुमेरात कहा जाता है, नौचंदी जुमेरात पर कलियर आने वाले जायरीनों को संख्या कई गुना बढ़ जाती है, इसी भीड़ का फायदा उठाकर ठेकेदार अपने गोरखधंधे को अंजाम देता है, 50 रुपये शुल्क की जगह 100 रुपये या उससे अधिक शुल्क वसूला जाता है। बाहरी जायरीन को जानकारी ना होने के कारण यात्री आसानी से ठगा जाता है।