रात के अंधेरे में वन माफियाओं हरे भरे आम के पेड़ों पर चलाए आरा…
सोते रहे अधिकारी चला रहा पेड़ों पर आ रहा खुली आंख कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचे अधिकारी...

रुड़की क्षेत्र में लकड़ी माफिया सक्रिय हैं। माफिया किसानो के खेतों में खड़े हरे भरे फलदार आम के पेड़ो को औने पौने दामों पर खरीदकर उसको ठिकाने लगा रहे हैं।जबकि उद्यान विभाग कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। सूचना के बाद विभाग कार्यवाही की बात कहकर पल्ला झाड़ लेता है।देर रात रुड़की क्षेत्र के मुलदासपुर उर्फ माजरा गांव के जंगल में आम के फलदार हरे पेड़ों पर बिना अनुमति के धड़ल्ले से ठेकेदारों का कुल्हाड़ा चला। लेकिन इसके बावजूद उद्यान विभाग कुंभकर्ण की नीद सोता रहा।मौके पर पहुंचे वन विभाग के दरोगा ने माल जब्त कर अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी है। वही कार्यवाही के डर से जब वन माफिया आम के पत्तियों को भरकर लेकर जा रहे थे।तभी उनकी ट्राली बढ़ेडी राजपूतान मार्ग पर पलट गई। वन माफिया अधिकारियों के आने से पहले ही पत्तियों को भर कर मौके से भाग खड़े हुए।गौरतलब है कि सरकार बागवानी को बढ़ाने के लिये विभागीय योजना के तहत प्रोत्साहन देती है। लेकिन लकड़ी के ठेकेदारों का एक बड़ा रैकेट क्षेत्र
की हरियाली को पलीता लगाने में लगा हुआ है।इस धंधे में उद्यान विभाग की मिली भगत जगजाहिर है। वरना आम के हरे भरे बागों पर आरा या कुल्हाड़ा चल ही नहीं सकता है। इन प्रतिबंधित प्रजातियों के उन्हीं पेड़ों को अनुमति लेकर काटा जा सकता है।जिसकी विभाग से बाकायदा अनुमति मिलती है। लेकिन सक्रिय लकड़ी माफिया ने क्षेत्र में हरे भरे पेड़ो पर बिना अनुमति के जमकर कुल्हाड़ी बरसाई। जिसकी सूचना किसी ने उद्यान विभाग और वन विभाग को दी।सूचना पर मौके पर वन दरोगा नरेंद्र सिंह के पहुंचने पर लकड़ी माफिया आम के कटे पेड़ छोड़कर भाग खड़े हुए। जिसके बाद वन विभाग ने मौके से लकड़ियों को जब्त कर अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी है। वही उद्यान विभाग के अधिकारी भी संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुड़े हुए हैं लकिन सवाल अब भी बरकरार हैं कि आखिरकार किसकी मिली भगत से लड़की माफिया क्षेत्र की हरियाली को पलीता लगा रहे हैं।